Wednesday, April 7, 2010

जब भी देखता हूँ मैं तुमको ना जाने क्यूँ अपना सा लगता है
दिल की धड़कन रुक सी जाती है साँसों का थमना सा लगता है
खुली आँखों से देखकर भी ये सारा इक सपना सा लगता है
भरी महफ़िल में होकर भी ये पागल दिल तन्हा सा रहता है
जब भी देखता हूँ तुमको .................................


इतनी शिद्दत से मिली हो तुम मुझको
कि दुआ में उठे ये हाँथ भला क्या मांगे
जिन आँखों ने किया हो दीदार तेरी आँखों का
वो अपने लिए प्यारे से भला ख्वाब क्या मांगे
इन होंठों ने जो कर लिया सजदा तेरे हांथों का
वो खुदा से अपने लिए भला फरियाद क्या मांगे


जहाँ भी जाता हूँ हर मंजर में मैं पता हूँ बस तुझको
कि अब दूर होकर भी तेरे पास होने का एहसास है मुझको
सुनता हूँ तेरी साँसों को, तेरी धड़कन को बस हर पल
कि हर संगीत में तेरी झलक का अब गुमान है मुझको
इक ख्वाहिश है मेरी, लिखूं तेरी शान में मैं दो शब्द
अब तेरे प्यार में शायर बनना इकरार है मुझको


मेरी जिंदगी भी तु है, मेरा गुजारा भी अब तु है
तु ही मेरा साहिल है, किनारा भी अब तु है
तेरी आँखें ही मेरी दुनिया, मेरा आशियाना भी तु है
मेरी तक़दीर भी तु है, तक़दीर का हर सितारा भी अब तु है
तेरा साथ ही मेरे लिए अब इबादत है बस
कि मेरी जन्नत भी तुझसे है, जन्नत का हर नजारा भी अब तु है

3 comments:

  1. bahut badhiya.... but who is that someone special?? :)

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  2. amazing.....

    Hey by the way I am coping this two poems in my blog, by i will give courstey to you, hope you don't mind......

    Do keep writing such poems....they touch the heart........

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  3. @ritesh
    thnx bhaiya
    someone is the person who must not be named now(dnt worry i will tell u later)
    @abhiket
    thnx brother
    i write poems jes bcoz it gives me satisfaction,its all about my feeling, but m sure of one thng, its nt only me who thnks in a way tht i do, bt there r many, n im sure u also r in same category, so with pleasure u can do it, no need to ask for permission........

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